अर्थ : साहित्य के नौ रसों में से सबसे अधिक प्रसिद्ध प्रधान रस।
उदाहरण :
शृंगार रस में नायक-नायिका के मिलन अथवा संयोग से उत्पन्न सुख या वियोग के कारण होने वाले कष्टों का वर्णन होता है।
पर्यायवाची : आदिरस, शृंगार, श्रृंगार, श्रृंगार रस