अर्थ : प्राचीन काल का एक प्रधान यज्ञ जिसमें घोड़े के मस्तक में जय पत्र बाँधकर उसे समस्त भूमंडल पर घूमने के लिए छोड़ देते थे।
उदाहरण :
अश्वमेध का घोड़ा जब भूमंडल का चक्कर काटकर लौटता था तो उसकी चर्बी से हवन किया जाता था।
पर्यायवाची : अश्वमेघ यज्ञ, अश्वमेध, अश्वमेध यज्ञ