अर्थ : किसी मंत्र को सिद्ध करने के लिए उसका जपानुष्ठान।
उदाहरण :
समर्थ रामदासजी ने बारह साल तक गायत्री का पुरश्चरण किया।
पर्यायवाची : पुरश्चरण, मंत्र सिद्धि, मंत्र-सिद्धि
अर्थ : मंत्रशास्त्र में बताए हुए नियमों का पालन करके मंत्र को सिद्ध करने की क्रिया या यत्न।
उदाहरण :
मंत्रसाधन के लिए ग्रहण का समय बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
पर्यायवाची : मंत्र सिद्धि, मंत्र-साधन, मंत्र-सिद्धि, मंत्रसाधन