अर्थ : मांगलिक अवसरों पर पूजा आदि के काम में आनेवला वह कच्चा चावल जो प्रायः दही, रोली, चंदन, केसर आदि में रंगा हुआ होता है।
उदाहरण :
विवाह के समय आखत को वर वधू के माथे पर लगाया जाता है।
अर्थ : शुभ अवसरों पर ब्राह्मणों को दिया जानेवाला निमंत्रण जिसमें प्रायः आखत से उन्हें तिलक लगाया जाता है।
उदाहरण :
पिताजी आखत के लिए पंडितजी के घर गए थे।
अर्थ : शुभ अवसरों पर नाइयों, भाटों, बाजेवालों आदि को दिया जानेवाला निमंत्रण और बिदाई।
उदाहरण :
नाई आखत से संतुष्ट नहीं था।